ज़ियारत आशूरा

[00:05.00]

بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ

बिस-मिल्लाहिर-रहमानिर-रहीम

अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम करने वाला है

 

[00:10.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا أَبٰا عَبْدِ اللّٰهِ

अस-सलामु अलैका या अबा अब्दुल्लाह

आप पर सलाम हो ऐ अबा अब्दिल्लाह

 

[00:15.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا ابْنَ رَسُوْلِ اللّٰهِ

अस-सलामु अलैका यबना रसूली अल्लाह

आप पर सलाम हो ऐ रसूल-ए-ख़ुदा के फ़रज़ंद

 

[00:20.00]

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا خِيَرَةِ اللهِ وَٱبْنَ خَيرَتِهِ

अस-सलामु अलैका या ख़ियरता अल्लाही वबना ख़ियरतिही

आप पर सलाम हो ऐ अल्लाह के बरगुज़ीदा (चुने हुए) और उसके बरगुज़ीदा के फ़रज़ंद।

 

[00:26.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا بْنَ اَمِيْرِ المُؤْمِنِيْنَ

अस-सलामु अलैका यबना अमीरी अल-मु'मिनीना

सलाम हो आप पर ऐ अमीरुल मोमिनीन के फ़रज़ंद

 

[00:32.00]

وَ ابْنَ سَيِّدِ الْوَصِيِّيْنَ

वबना सय्यिदी अल-वसीय्यीना

और अवसिया के सरदार के फ़रज़ंद

 

[00:36.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا بْنَ فَاطِمَةَ سَيِّدَةِ نِسَاۤءِ الْعَالَمِيْنَ

अस-सलामु अलैका यबना फ़ातिमाता सय्यिदति निसा'इ अल-आलमीना

सलाम हो आप पर ऐ फ़रज़ंद-ए-फ़ातिमा जो जहानों की औरतों की सरदार हैं

 

[00:44.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا ثَارَ اللّٰهِ وَ ابْنَ ثَارِهِ

अस-सलामु अलैका या सारा अल्लाही वबना सारिही

आप पर सलाम हो ऐ क़ुर्बान-ए-ख़ुदा और क़ुर्बान-ए-ख़ुदा के फ़रज़ंद

 

[00:51.00]

وَالْوِتْرَ الْمَوْتُوْرَ

वल-वितरा अल-मवतुरा

और वो ख़ून जिस का बदला लिया जाना है

 

[00:53.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ وَ عَلَى الْاَرْوَاحِ الَّتِيْ حَلَّتْ بِفِنَاۤئِكَ

अस-सलामु अलैका व अलल-अरवाहि अल्लाती हल्लत बिफ़िना'इका

आप पर सलाम हो और उन रूहों पर जो आप के आस्तानों में उतरी हैं

 

[01:01.00]

عَلَيْكُمْ مِنّٖي جَمِيْعًا سَلاَمُ اللّٰهِ أَبَدًا

अलैकुम मिन्नी जमीअन सलामु अल्लाही अबदन

आप सब पर मेरी तरफ़ से ख़ुदा का सलाम हमेशा

 

[01:06.00]

مَا بَقِيْتُ وَ بَقِيَ اللَّيْلُ وَ النَّهَارُ

मा बक़ीतु व बक़िया अल्लायलु वन्नहारु

जब तक मैं बाक़ी हूँ और रात दिन बाक़ी हैं

 

[01:12.00]

يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللّٰهِ لَقَدْ عَظُمَتِ الرَّزِيَّةُ

या अबा अब्दुल्लाही लक़द अज़ुमत अर-रज़िय्यतु

ऐ अबा अब्दिल्लाह आप का सोग बोहत भारी और बोहत बड़ा है

 

[01:17.00]

وَ جَلَّتْ وَ عَظُمَتِ الْمُصِيْبَةُ بِكَ عَلَيْنَا

व जल्लत व अज़ुमत अल-मुसीबतु बिका अलैना

और आप की मुसीबत बोहत बड़ी है

 

[01:22.00]

وَ عَلٰى جَمِيْعِ اَهْلِ الْاِسْلَامِ

व अला जमी'इ अहली अल-इस्लामि

हमारे लिए और तमाम अहल-ए-इस्लाम के लिए

 

[01:27.00]

وَ جَلَّتْ وَ عَظُمَتْ مُصِيْبَتُكَ فِيْ السَّمٰوَاتِ عَلٰى جَمِيْعِ اَهْلِ السَّمٰوَاتِ

व जल्लत व अज़ुमत मुसीबतुका फ़ी अस-समावाति अला जमी'इ अहली अस-समावाति

और बोहत बड़ी और भारी है आप की मुसीबत आसमानों में तमाम आसमान वालों के लिए

 

[01:35.00]

فَلَعَنَ اللهُ اُمَّةً اَسَّسَتْ اَسَاسَ الظُّلْمِ وَ الْجَوْرِ عَلَيْكُمْ اَهْلَ الْبَيْتِ

फ़-ल-अना अल्लाहु उम्मतन अस्ससत असासा अज़्-ज़ुल्मि वल-जवरि अलैकुम अहलल-बैति

पस ख़ुदा की लानत हो उस गिरोह पर जिसने आप पर ज़ुल्म-ओ-सितम करने की बुनियाद डाली ऐ अहल-ए-बैत

 

[01:44.00]

وَلَعَنَ اللهُ اُمَّةً دَفَعَتْكُمْ عَنْ مَقَامِكُمْ

व ल-अना अल्लाहु उम्मतन दफ़ाअत्कुम अन मक़ामिकुम

और ख़ुदा की लानत हो उस गिरोह पर जिसने आप को आप के मक़ाम से हटाया

 

[01:50.00]

وَ اَزَالَتْكُمْ عَنْ مَرَاتِبِكُمُ الَّتِيْ رَتَّبَكُمُ اللهُ فِيْهَا

व अज़ालत्कुम अन मरातिबिकुम अल्लाती रत्तबकुम अल्लाहु फ़ीहा

और आप को उस मरतबे से गिराया जो ख़ुदा ने आप को दिया

 

[01:57.00]

وَ لَعَنَ اللهُ اُمَّةً قَتَلَتْكُمْ

व ल-अना अल्लाहु उम्मतन क़तलत्कुम

ख़ुदा की लानत हो उस गिरोह पर जिसने आप को क़त्ल किया

 

[02:01.00]

وَ لَعَنَ اللهُ الْمُمَهِّدِيْنَ لَهُمْ بِا لتَّمْكِيْنِ مِنْ قِتَالِكُمْ

व ल-अना अल्लाहु अल-मुमह्हिदीना लहुम बित-तमकीनी मिन क़ितालिकुम

और ख़ुदा की लानत हो उन पर जिन्होंने उनको आप के साथ जंग करने की क़ुव्वत फ़राहम की

 

[02:08.00]

بَرِئْتُ اِلَى اللهُ وَ اِلَيْكُمْ مِنْهُمْ وَ مِنْ اَشْيَاعِهِمْ وَ اَتْبَاعِهِمْ وَ اَوْلِيَاۤئِهِمْ

बरी'तु इला अल्लाही व इलैकुम मिन्हुम व मिन अश्या'इहिम व अत्बा'इहिम व औलिया'इहिम

मैं बरी हूँ ख़ुदा के सामने और आप के सामने उनसे, उनके मददगारों, उनके पैरोकारों और उनके साथियों से

 

[02:20.00]

يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللهُ اِنِّيْ سِلْمٌ لِمَنْ سَالَمَكُمْ

या अबा अब्दुल्लाही इन्नी सिल्मुन लिमन सालमकुम

ऐ अबा अब्दिल्लाह मेरी सुल्ह है आप से सुल्ह करने वाले से

 

[02:26.00]

وَ حَرْبٌ لِمَنْ حَارَبَكُمْ اِلٰى يَوْمِ الْقِيٰمَةِ

व हरबुन लिमन हारबकुम इला यौमी अल-क़ियामति

और मेरी जंग है आप से जंग करने वाले से रोज़-ए-क़यामत तक

 

[02:32.00]

وَ لَعَنَ اللهُ اٰلَ زِيَادٍ وَ اٰلَ مَرْوَانَ

व ल-अना अल्लाहु आला ज़ियादिन व आला मरवाना

और ख़ुदा लानत करे औलाद-ए-ज़ियाद और औलाद-ए-मरवान पर

 

[02:37.00]

وَلَعَنَ اللهُ بَنِيۤ اُمَيَّةَ قَاطِبَةً

व ल-अना अल्लाहु बनी उमय्यता क़ातिबतन

ख़ुदा इज़हार-ए-बेज़ारी करे तमाम बनी उमय्या से

 

[02:42.00]

وَ لَعَنَ اللهُ بْنَ مَرْجَانَةَ وَ لَعَنَ اللهُ عُمَرَبْنَ سَعْدٍ

व ल-अना अल्लाहु इबना मरजानता व ल-अना अल्लाहु उमरा बना स'दिन

ख़ुदा लानत करे इब्ने मरजाना पर खुदा लानत करे उमर बिन साद पर

 

[02:49.00]

وَ لَعَنَ اللهُ شِمْرًا

व ल-अना अल्लाहु शिमरन

ख़ुदा लानत करे शिम्र पर

 

[02:52.00]

وَلَعَنَ اللهُ اُمَّةً اَسْرَجَتْ وَاَلْجَمَتْ وَ تَنَقَّبَتْ لِقِتَالِكَ

व ल-अना अल्लाहु उम्मतन असरजत व अलजमत व तनक़्क़बत लि-क़ितालिका

और ख़ुदा लानत करे जिन्होंने ज़ीन कसा, लगाम दी घोड़ों को और लोगों को आप से लड़ने के लिए उभारा

 

[03:03.00]

بِاَبِيۤ اَنْتَ وَ اُمِّيْ لَقَدْ عَظُمَ مُصَابِيْ بِكَ

बि'अबी अंता व उम्मी लक़द अज़ुमा मुसाबी बिका

मेरे माँ बाप आप पर क़ुर्बान हैं यक़ीनन आप की ख़ातिर मेरा ग़म बढ़ गया है

 

[03:11.00]

فَاَسْئَلُ اللهَ الَّذِيۤ اَكْرَمَ مَقَامَكَ

फ़-अस'अलु अल्लाहा अल्लाज़ी अकरमा मक़ामका

पस सवाल करता हूँ ख़ुदा से जिसने आप को शान अता की

 

[03:16.00]

وَ اَكْرَمَنِيْ بِكَ اَنْ يَّرْزُقَنِيْ طَلَبَ ثَارِكَ

व अकरमनी बिका अन यरज़ुक़नी तलबा सारिका

और आप के ज़रिए मुझे इज़्ज़त दी यह के वो मुझे आप के ख़ून का बदला लेने का मौक़ा दे

 

[03:21.00]

مَعَ اِمَامٍ مَنْصُوْرٍ مِنْ اَهْلِ بَيْتِ مُحَمَّدٍ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَ اٰلِهِ

म'आ इमामिम मंसूरिन मिन अहली बैति मुहम्मदिन सल्ला अल्लाहु अलैहि व आलिहि

उन इमाम मंसूर के साथ जो अहल-ए-बैत मुहम्मद में से होंगे

 

[03:31.00]

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْنِيْ عِنْدَكَ وَجِيْهًا بِالْحُسَيْنِ عَلَيْهِ السَّلَامُ فِيْ الدُّنْيَا وَ الْاٰخِرَةِ

अल्लाहुम्मा इज'अलनी इन्दका वजीहन बिल-हुसैनी अलैहि अस-सलामु फ़ी अद्-दुनिया वल-आख़िरति

ऐ माबूद! मुझ को अपने हाँ आबरूमंद बना हुसैन के वसीले से दुनिया ओ आख़िरत में

 

[03:41.00]

يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللّٰهِ اِنِّيۤ اَتَقَرَّبُ اِلَى اللهُ وَ اِلٰى رَسُوْلِهِ

या अबा अब्दुल्लाही इन्नी अतक़र्रबु इला अल्लाही व इला रसूलीही

ऐ अबा अब्दिल्लाह बेशक मैं क़ुर्ब चाहता हूँ ख़ुदा का, उसके रसूल का

 

[03:50.00]

وَ اِلٰىۤ اَمِيْرِ الْمُؤْمِنِيْنَ وَ اِلٰى فَاطِمَةَ وَاِلَى الْحَسَنِ

व इला अमीरी अल-मु'मिनीना व इला फ़ातिमाता व इला अल-हसनि

अमीरुल मोमिनीन का, फ़ातिमा ज़ेहरा का, हसन मुज्तबा का

 

[03:56.00]

وَ اِلَيْكَ بِمُوَالَاتِكَ

व इलैका बिमुवालातिका

और आप का क़ुर्ब आप की हुबदारी से

 

[03:59.00]

وَ بِالْبَرَاۤئَةِ مِمَّنْ قَاتَلَكَ

व बिल-बरा'अति (मिम्मन क़ातलका)

और उससे बेज़ारी के ज़रिए जिसने आप को क़त्ल किया

 

[04:03.00]

وَ نَصَبَ لَكَ الْحَرْبَ

व नसबा लका अल-हरबा

और आतिश-ए-जंग भड़काई

 

[04:06.00]

وَ بِالْبَرَاۤئَةِ مِمَّنْ اَسَّسَ اَسَاسَ الظُّلْمِ وَالْجَوْرِ عَلَيْكُمْ

व बिल-बरा'अति मिम्मन अस्ससा असासा अज़्-ज़ुल्मि वल-जवरि अलैकुम

और उससे बेज़ारी के ज़रिए जिसने आप पर ज़ुल्म-ओ-सितम की बुनियाद रखी

 

[04:12.00]

وَ اَبْرَءُ اِلَى اللّٰهِ وَ اِلٰى رَسُوْلِهِ مِمَّنْ اَسَّسَ اَسَاسَ ذٰلِكَ وَ بَنٰى عَلَيْهِ بُنْيَانَهُ

व अब-र'उ इला अल्लाही व इला रसूलीही मिम्मन अस्ससा असासा ज़ालिका व बना अलैहि बुन्यानहु

और मैं बरी-उज़-ज़िम्मा हूँ अल्लाह और उसके रसूल के सामने उससे जिसने ऐसी बुनियाद क़ायम की और उस पर इमारत उठायी

 

[04:24.00]

وَ جَرٰى فِيْ ظُلْمِهِ وَجَوْرِهِ عَلَيْكُمْ وَ عَلٰىۤ اَشْيَاعِكُمْ

व जरा फ़ी ज़ुल्मिही व जवरिही अलैकुम व अला अश्या'इकुम

और फिर ज़ुल्म-ओ-सितम करना शुरू किया आप पर और आप के पैरोकारों पर

 

[04:32.00]

بَرِئْتُ اِلَى اللهُ وَ اِلَيْكُمْ مِنْهُمْ

बरी'तु इला अल्लाही व इलैकुम मिन्हुम

मैं बेज़ारी ज़ाहिर करता हूँ ख़ुदा और आप के सामने उन ज़ालिमों से

 

[04:38.00]

وَ اَتَقَرَّبُ اِلَى اللهُ ثُمَّ اِلَيْكُمْ بِمُوَالَاتِكُمْ

व अतक़र्रबु इला अल्लाही सुम्मा इलैकुम बिमुवालातिकुम

और क़ुर्ब चाहता हूँ ख़ुदा का, फिर आप का आप से मोहब्बत की वजह से

 

[04:44.00]

وَ مُوَالَاةِ وَلِيِّكُمْ وَ بِالْبَرَاۤئَةِ مِنْ اَعْدَاۤئِكُمْ

व मुवालाति वलिय्यकुम व बिल-बरा'अति मिन अ'दा'इकुम

और आप के वलियों से मोहब्बत के ज़रिए, आप के दुश्मनों से बेज़ारी के ज़रिए

 

[04:51.00]

وَ النَّاصِبِيْنَ لَكُمُ الْحَرْبَ

वन-नासिबीना लकुम अल-हरबा

और आप के ख़िलाफ़ जंग बरपा करने वालों से बेज़ारी के ज़रिए

 

[04:54.00]

وَبِالْبَرَاۤئَةِ مِنْ اَشْيَاعِهِمْ وَ اَتْبَاعِهِمْ

व बिल-बरा'अति मिन अश्या'इहिम व अत्बा'इहिम

और उनके तरफ़दारों और पैरोकारों से बेज़ारी के ज़रिए

 

[05:00.00]

اِنِّيْ سِلْمٌ لِمَنْ سَالَمَكُمْ وَ حَرْبٌ لِمَنْ حَارَبَكُمْ

इन्नी सिल्मुन लिमन सालमकुम व हरबुन लिमन हारबकुम

मेरी सुल्ह है आप से सुल्ह करने वाले से और मेरी जंग है आप से जंग करने वाले से

 

[05:08.00]

وَوَلِيٌّ لِمَنْ وَالَاكُمْ وَ عَدُ وٌّ لِمَنْ عَادَاكُمْ

व वलिय्युन लिमन वालाकुम व अदुव्वुन लिमन अदाकुम

मैं आप के दोस्त का दोस्त और आप के दुश्मन का दुश्मन हूँ

 

[05:15.00]

فَاَسْئَلُ اللهَ الَّذِىۤ اَكْرَمَنِيْ بِمَعْرِفَتِكُمْ وَ مَعْرِفَةِ اَوْلِيَاۤئِكُمْ

फ़-अस'अलु अल्लाहा अल्लाज़ी अकरमनी बि-म'रिफ़तिकुम व म'रिफ़ति औलिया'इकुम

पस सवाल करता हूँ ख़ुदा से जिसने इज़्ज़त दी मुझे आप की पहचान और आप के वलियों की पहचान के ज़रिए

 

[05:23.00]

وَ رَزَقَنِىَ الْبَرَاۤئَةَ مِنْ اَعْدَاۤئِكُمْ

व रज़क़नी अल-बरा'अता मिन अ'दा'इकुम

और मुझे आप के दुश्मनों से बेज़ारी की तौफ़ीक़ दी

 

[05:27.00]

اَنْ يَجْعَلَنِيْ مَعَكُمْ فِيْ الدُّنْيَا وَ الْاٰخِرَةِ

अन यज'अलनी म'अकुम फ़ी अद्-दुनिया वल-आख़िरति

यह कि मुझे आप के साथ रखे दुनिया और आख़िरत में

 

[05:33.00]

وَ اَنْ يُّثَبِّتَ لِيْ عِنْدَ كُمْ قَدَمَ صِدْقٍ فِيْ الدُّنْيَا وَ الْاٰخِرَةِ

व अन युसब्बित ली इन्दकुम क़दमा सिदक़िन फ़ी अद्-दुनिया वल-आख़िरति

और यह कि मुझे आप के हुज़ूर सच्चाई के साथ साबित क़दम रखे दुनिया और आख़िरत में

 

[05:40.00]

وَ اَسْئَلُهُ اَنْ يُّبَلِّغَنِيَ الْمَقَامَ الْمَحْمُوْدَ لَكُمْ عِنْدَ اللّٰهِ

व अस'अलुहु अन युबल्लिग़नी अल-मक़ामा अल-महमूदा लकुम इंदा अल्लाही

और उससे सवाल करता है कि मुझे भी ख़ुदा के हाँ आप के पसंदीदा मक़ाम पर पहुंचाए

 

[05:47.00]

وَ اَنْ يَّرْزُقَنِيْ طَلَبَ ثَارِيْ كُمْ مَعَ اِمَامٍ هُدًى ظَاهِرٍ نَاطِقٍ بِالْحَقِّ مِنْكُمْ

व अन यरज़ुक़नी तलबा सारिकुम म'आ इमामि हुदन ज़ाहिरिन नातिक़िन बिल-हक़्क़ि मिन्कुम

नेज़ मुझे नसीब करे आप के ख़ून का बदला लेना उस इमाम के साथ जो हिदायत देने वाला, मददगार, रहबर, हक़ बात ज़बान पर लाने वाला है तुम में से

 

[05:57.00]

وَ اَسْئَلُ اللهَ بِحَقِّكُمْ وَ بِالشَّاْنِ الَّذِىْ لَكُمْ عِنْدَهٗ

व अस'अलु अल्लाहा बि-हक़्क़िकुम व बिश्-शा'नी अल्लाज़ी लकुम इन्दहू

और सवाल करता हूँ ख़ुदा से आप के हक़ के वसीले से और आप की शान के वसीले से जो आप उसके हाँ रखते हैं

 

[06:04.00]

اَنْ يُّعْطِيَنِيْ بِمُصَابِيْ بِكُمْ اَفْضَلَ مَا يُعْطِيْ مُصَابًا بِمُصِيْبَتِهٖ مُصِيْبَةً مَاۤ اَعْظَمَهَا

अन यु'तियनी बि-मुसाबी बिकुम अफ़्दला मा यु'ती मुसाबन बि-मुसीबतिही मुसीबतन मा अ'ज़महा

यह कि वो मुझ को अता करे आप की सोगवारी पर ऐसा बेहतरीन अज्र जो उसने आप के किसी सोगवार को दिया हो

 

[06:17.00]

وَ اَعْظَمَ رَزِيَّتَهَا فِيْ الْاِسْلَامِ

व अ'ज़मा रज़िय्यताहा फ़ी अल-इस्लामि

उस मुसीबत पर कि जो बहत बड़ी मुसीबत है और उसका रंज-ओ-ग़म बहत ज़्यादा है इस्लाम में

 

[06:21.00]

وَ فِيْ جَمِيْعِ السَّمٰوَاتِ وَ الْاَرْضِ

व फ़ी जमी'इ अस-समावाति वल-अर्दि

और तमाम आसमानों में और ज़मीन में

 

[06:25.00]

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْنِيْ فِىْ مَقَامِيْ هٰذَا

अल्लाहुम्मा इज'अलनी फ़ी मक़ामी हाज़ा

ऐ माबूद क़रार दे मुझे इस जगह पर

 

[06:30.00]

مِمَّنْ تَنَالُهُ مِنْكَ صَلَوَاتٌ وَ رَحْمَةٌ وَ مَغْفِرَةٌ

मिम्मन तनालुहू मिन्का सलवातुन व रहमतुन व मग़्फ़िरतुन

उन अफ़राद में से जिनको नसीब हों तेरा दुरूद तेरी रहमत और बख़्शिश

 

[06:38.00]

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْ مَحْيَاىَ مَحْيَا مُحَمَّدٍ وَّ اٰلِ مُحَمَّدٍ

अल्लाहुम्मा इज'अल मह्याया मह्या मुहम्मदिन ववा आले मुहम्मदिन

ऐ माबूद क़रार दे मेरा जीना मुहम्मद-ओ-आले मुहम्मद का सा जीना

 

[06:46.00]

وَ مَمَاتِيْ مَمَاتَ مُحَمَّدٍ وَّ اٰلِ مُحَمَّدٍ

व ममाती ममाता मुहम्मदिन ववा आले मुहम्मदिन

और मेरी मौत को मुहम्मद-ओ-आले-मुहम्मद की मौत की मानिंद बना

 

[06:51.00]

اَللّٰهُمَّ اِنَّ هٰذَا يَوْمٌ تَبَرَّكَتْ بِهٖ بَنُوْ اُمَيَّةَ

अल्लाहुम्मा इन्ना हाज़ा यौमुन तबर्रकत बिही बनू उमय्यता

ऐ माबूद बेशक यह वो दिन है कि जिसको बनी उमय्या और कलेजा खाने वाली के बेटे ने बाबरकत जाना

 

[06:59.00]

وَابْنُ اٰكِلَةِ الْاَكْبَادِ اللَّعِيْنُ ابْنُ اللَّعِيْنِ

वबनु आकिलति अल-अकबादि अल्-ल'ईनु इबनु अल्-ल'ईनि

जो मलऊन इब्ने मलऊन है

 

[07:06.00]

عَلٰى لِسَانِكَ وَ لِسَانِ نَبِيِّكَ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَاٰلِهٖ

अला लिसानिका व लिसानी नबिय्यिका सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि

तेरी ज़बान पर और तेरे नबी अकरम की ज़बान पर

 

[07:14.00]

فِيْ كُلِّ مَوْطِنٍ وَ مَوْقِفٍ وَ قَفَ فِيْهِ نَبِيُّكَ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَ اٰلِهٖ

फ़ी कुल्ली मवतिनिन व मवक़िफ़िन वक़फ़ा फ़ीहि नबिय्युका सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि

हर शहर में जहाँ रहे और हर जगह के जहाँ तेरा नबी अकरम ठहरे

 

[07:24.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْ اَبَا سُفْيَانَ وَ مُعَاوِيَةَ

अल्लाहुम्मा इल'अन अबा सुफ़्याना व मु'आवियता

ऐ माबूद इज़हार-ए-बेज़ारी कर अबू सुफ़यान और मुआविया से

 

[07:29.00]

وَ يَزِيْدَ بْنَ مُعَاوِيَةَ عَلَيْهِمْ مِنْكَ اللَّعْنَةُ اَبَدَ الْاٰبِدِيْنَ

व यज़ीदा बना मु'आवियता अलैहिम मिन्का अल्-ल'नतु अबद अल-आबिदीना

और यज़ीद बिन मुआविया पर, उन पर तेरी तरफ़ से लानत हो हमेशा हमेशा

 

[07:37.00]

وَ هٰذَا يَوْمٌ فَرِحَتْ بِهٖ اٰلُ زِيَادٍ وَ اٰلُ مَرْوَانَ

व हाज़ा यौमुन फ़रिहत बिही आलू ज़ियादिन व आलू मरवाना

और यह वो दिन है जिसमें ख़ुश हुई औलाद-ए-ज़ियाद और औलाद-ए-मरवान

 

[07:44.00]

بِقَتْلِهِمُ الْحُسَيْنَ

बिक़त्लिहिम अल-हुसैना

कि उन्होंने क़त्ल किया हुसैन

 

[07:46.00]

صَلَوٰاتُ اللّٰهِ عَلَيْهِ

सलवातु अल्लाही अलैहि

सलवातुल्लाह अलैह को

 

[07:49.00]

اَللّٰهُمَّ فَضَاعِفْ عَلَيْهِمُ الَّعْنَ مِنْكَ وَ الْعَذَابَ الْاَلِيْمَ

अल्लाहुम्मा फ़-दा'इफ़ अलैहिम अल्-ल'ना मिन्का वल-अज़ाबा (अल-अलीमा)

ऐ माबूद पस तू ज़्यादा कर दे उन पर अपनी तरफ़ से लानत और अज़ाब-ए-अलीम को

 

[07:56.00]

اَللّٰهُمَّ اِنِّيۤ اَتَقَرَّبُ اِلَيْكَ فِيْ هٰذَا الْيَوْمِ

अल्लाहुम्मा इन्नी अतक़र्रबु इलैका फ़ी हाज़ा अल-यवमि

ऐ माबूद बेशक मैं तेरा क़ुर्ब चाहता हूँ कि आज के दिन में

 

[08:02.00]

وَ فِيْ مَوْقِفِيْ هٰذَا وَ اَيَّامِ حَيٰوتِيْ

व फ़ी मवक़िफी हाज़ा व अय्यामि हयाती

और इस जगह पर जहाँ खड़ा हूँ और अपनी ज़िन्दगी के दिनों में

 

[08:08.00]

بِالْبَرَاۤئَةِ مِنْهُمْ وَ اللَّعْنَةِ عَلَيْهِمْ

बिल-बरा'अति मिन्हुम वल-ल'नति अलैहिम

उनसे बेज़ारी करने के ज़रिए और उन पर नफ़रीन भेजने के ज़रिए

 

[08:13.00]

وَ بِاالْمُوَالَاتِ لِنَبِيِّكَ وَ اٰلِ نَبِيِّكَ عَلَيْهِ وَ عَلَيْهِمُ السَّلَامُ

व बिल-मुवालाति लि-नबिय्यिका व आले नबिय्यिका अलैहि व अलैहिम अस-सलामु

और वसीला उस दोस्ती के जो मुझे तेरे नबी की आल से है

 

[08:34.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْ اَوَّلَ ظَالِمٍ ظَلَمَ حَقَّ مُحَمَّدٍ وَ اٰلِ مُحَمَّدٍ

अल्लाहुम्मा इल'अन अव्वला ज़ालिमिन ज़लमा हक़्क़ा मुहम्मदिन व आले मुहम्मदिन

ऐ माबूद महरूम कर अपनी रहमत से उस पहले ज़ालिम को जिसने ज़ाया किया मुहम्मद-ओ-आल-ए-मुहम्मद का हक़

नीचे दिए जुमलों को 100 बार पढ़ें

[08:44.00]

وَ اٰخِرَ تَابِعٍ لَهٗ عَلٰى ذٰلِكَ

व आख़िरा ताबि'इन लहू अला ज़ालिका

और उसको भी जिसने आख़िर में उसकी पैरवी की

 

[08:49.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنِ الْعِصَابَةَ الَّتِيْ جَاهَدَتِ الْحُسَيْنَ

अल्लाहुम्मा इल'अनिल-इसाबता अल्लाती जाहदत अल-हुसैना

ऐ माबूद लानत कर उस जमात पर जिन्होंने जंग की हुसैन से

 

[08:56.00]

وَ شَايَعَتْ وَ بَايَعَتْ وَ تَابَعَتْ عَلٰى قَتْلِهٖ

व शाय'अत व बाय'अत व ताब'अत अला क़त्लिही

नेज़ उन पर भी जो क़त्ल-ए-हुसैन में उनके शरीक और हम राये थे

 

[09:03.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْهُمْ جَمِيْعًا

अल्लाहुम्मा इल'अन्हुम जमी'अन

ऐ माबूद उन सब पर लानत भेज

 

[09:21.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللّٰهِ

अस-सलामु अलैका या अबा अब्दुल्लाही

सलाम हो आप पर ऐ अबा अब्दिल्लाह

नीचे दिए जुमलों को 100 बार पढ़ें

[09:29.00]

وَ عَلَى الْاَرْوَاحِ الَّتِيْ حَلَّتْ بِفِنَاۤئِكَ

व अलल-अरवाहि अल्लाती हल्लत बिफ़िना'इका

और सलाम उन रूहों पर जो आप के रोज़े पर आती हैं

 

[09:36.50]

عَلَيْكَ مِنِّيْ سَلَامُ اللهُ اَبَدًا

अलैका मिन्नी सलामु अल्लाही अबदन

आप पर मेरी तरफ़ से ख़ुदा का सलाम हो हमेशा

 

[09:39.50]

مَّا بَقِيْتُ وَ بَقِيَ اللَّيْلُ وَ النَّهَارُ

म्मा बक़ीतु व बक़िया अल्लायलु वन्नहारु

जब तक ज़िंदा हूँ और जब तक रात दिन बाक़ी हैं

 

[09:47.00]

وَ لَا جَعَلَهُ اللهُ اٰخِرَ الْعَهْدِ مِنِّيْ لِزِيَارَتِكُمْ

व ला ज'अलहु अल्लाहु आख़िरा अल-अहदी मिन्नी लि-ज़ियारतिकुम

और ख़ुदा क़रार ना दे इसको मेरे लिए आप की ज़ियारत का आख़िरी मौक़ा

 

[09:59.00]

اَلسَّلَامُ عَلَى الْحُسَيْنِ وَ عَلٰى عَلِيِّ بْنِ الْحُسَيْنِ

अस-सलामु अलल-हुसैनी व अला अलिय्यि इब्निल-हुसैनी

सलाम हो हुसैन पर और शहज़ादा अली फ़रज़ंद-ए-हुसैन पर

 

[10:11.00]

وَ عَلٰى اَوْلَادِ الْحُسَيْنِ وَ عَلٰى اَصْحَابِ الْحُسَيْنِ

व अला अवलादी अल-हुसैनी व अला असहाबी अल-हुसैनी

सलाम हो हुसैन की औलाद और हुसैन के असहाब पर

 

[10:24.00]

p>اَللّٰهُمَّ خُصَّ اَنْتَ اَوَّلَ ظَالِمٍ بِاللَّعْنِ مِنِّيْ وَابْدَاْ بِهٖ اَوَّلًا

अल्लाहुम्मा ख़ुस्सा अंता अव्वला ज़ालिमिन बिल-ल'नी मिन्नी वब-दा' बिही अव्वलन

ऐ माबूद! तू मुख़स्सस फ़रमा पहले ज़ालिम को मेरी तरफ़ से लानत के साथ

फिर इस दुआ को पढ़ें:

[10:33.00]

ثُمَّ الثَّانِيْ وَ الثَّالِثَ وَ الرَّابِعَ

सुम्मा इल'अन अज़्-सानिया वज़्-सालि-स वल-र्राबि'अ

तो अब उसी लानत का आग़ाज़ फ़रमा, फिर लानत भेज दूसरे और तीसरे और फिर चौथे पर लानत भेज

 

[10:38.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْ يَزِيْدَ خَامِسًا

अल्लाहुम्मा इल'अन यज़ीदा ख़ामिसन

ऐ माबूद! लानत कर यज़ीद पर जो पाँचवाँ है

 

[10:43.00]

وَ الْعَنْ عُبَيْدَ اللّٰهِ بْنَ زِيَادٍ وَابْنَ مَرْجَانَةَ

वल'अन उबैदल्लाही बना ज़ियादिन वबना मरजानता

और लानत कर उबैदुल्लाह फ़रज़ंद-ए-ज़ियाद पर और फ़रज़ंद-ए-मरजाना पर

 

[10:49.00]

وَ عُمَرَبْنَ سَعْدٍ وَ شِمْرًا وَ اٰلَ اَبِيْ سُفْيَانَ

व उमरा बना स'दिन व शिमरन व आला अबी सुफ़्याना

उमर फ़रज़ंद-ए-साद पर और शिम्र पर, और औलाद-ए-अबू सुफ़यान को

 

[10:54.00]

وَ اٰلَ زِيَادٍ وَ اٰلَ مَرْوَانَ اِلىٰ يَوْمِ الْقِيَامَةِ

व आला ज़ियादिन व आला मरवाना इला यौमी अल-क़ियामति

और औलाद-ए-ज़ियाद को और औलाद-ए-मरवान को रहमत से दूर कर क़यामत के दिन तक

 

[11:13.00]

اَللّٰهُمَّ لَكَ الْحَمْدُ حَمْدَ الشَّاكِرِيْنَ لَكَ عَلٰى مُصَابِهِمْ

अल्लाहुम्मा लका अल-हम्दु हम्दा अश्-शाकिरीना लका अला मुसाबिहिम

ऐ माबूद! तेरे लिए है हम्द, वो हम्द जो अज़ादारी पर तेरा शुक्र बजा लाने वाले करते हैं

इस दुआ को सजदे में पढ़ें

[11:22.50]

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ عَلٰى عَظِيْمِ رَزِيَّتِىْ

अल-हम्दु लिल्लाही अला अज़ीमि रज़िय्यती

हम्द है ख़ुदा के लिए जिसने मुझे अज़ादारी नसीब की

 

[11:29.30]

اَللّٰهُمَّ ارْزُقْنِيْ شَفَاعَةَ الْحُسَيْنِ يَوْمَ الْوُرُوْدِ

अल्लाहुम्मा इरज़ुक़्नी शफ़ा'अता अल-हुसैनी यौमा अल-वुरूदि

ऐ माबूद हश्र में आने के दिन मुझे हुसैन की शफ़ाअत से बहरा मंद फ़रमा

 

[11:37.40]

وَ ثَبِّتْ لِيْ قَدَمَ صِدْقٍ عِنْدَكَ مَعَ الْحُسَيْنِ

व सब्बित ली क़दमा सिदक़िन इन्दका म'अल-हुसैनी

और मेरे क़दम को सीधा और पक्का बना जब मैं तेरे पास आऊँ हुसैन के साथ

 

[11:43.00]

وَ اَصْحَابِ الْحُسَيْنِ، الَّذِيْنَ بَذَلُوْا مُهَجَهُمْ دُوْنَ الْحُسَيْنِ عَلَيْهِ السَّلَامُ

व असहाबी अल-हुसैनी, अल्लाज़ीना बज़लू मुहजहुम दूना अल-हुसैनी

और असहाब-ए-हुसैन के साथ जिन्होंने हुसैन के लिए अपनी जानें क़ुर्बान कर दीं

 

[00:09.00]

بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ

बिस-मिल्लाहिर-रहमानिर-रहीम

अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम करने वाला है

 

[00:15.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا أَبٰا عَبْدِ اللّٰهِ

अस-सलामु अलैका या अबा अब्दुल्लाह

आप पर सलाम हो ऐ अबा अब्दिल्लाह

 

[00:20.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا ابْنَ رَسُوْلِ اللّٰهِ

अस-सलामु अलैका यबना रसूली अल्लाह

आप पर सलाम हो ऐ रसूल-ए-ख़ुदा के फ़रज़ंद

 

[00:25.00]

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا خِيَرَةِ اللهِ وَٱبْنَ خَيرَتِهِ

अस-सलामु अलैका या ख़ियरता अल्लाही वबना ख़ियरतिही

आप पर सलाम हो ऐ अल्लाह के बरगुज़ीदा (चुने हुए) और उसके बरगुज़ीदा के फ़रज़ंद।

 

[00:32.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا بْنَ اَمِيْرِ المُؤْمِنِيْنَ

अस-सलामु अलैका यबना अमीरी अल-मु'मिनीना

सलाम हो आप पर ऐ अमीरुल मोमिनीन के फ़रज़ंद

 

[00:37.00]

وَ ابْنَ سَيِّدِ الْوَصِيِّيْنَ

वबना सय्यिदी अल-वसीय्यीना

और अवसिया के सरदार के फ़रज़ंद

 

[00:40.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا بْنَ فَاطِمَةَ سَيِّدَةِ نِسَاۤءِ الْعَالَمِيْنَ

अस-सलामु अलैका यबना फ़ातिमाता सय्यिदति निसा'इ अल-आलमीना

सलाम हो आप पर ऐ फ़रज़ंद-ए-फ़ातिमा जो जहानों की औरतों की सरदार हैं

 

[00:48.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا ثَارَ اللّٰهِ وَ ابْنَ ثَارِهِ

अस-सलामु अलैका या सारा अल्लाही वबना सारिही

आप पर सलाम हो ऐ क़ुर्बान-ए-ख़ुदा और क़ुर्बान-ए-ख़ुदा के फ़रज़ंद

 

[00:55.00]

وَالْوِتْرَ الْمَوْتُوْرَ

वल-वितरा अल-मवतुरा

और वो ख़ून जिस का बदला लिया जाना है

 

[00:59.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ وَ عَلَى الْاَرْوَاحِ الَّتِيْ حَلَّتْ بِفِنَاۤئِكَ

अस-सलामु अलैका व अलल-अरवाहि अल्लाती हल्लत बिफ़िना'इका

आप पर सलाम हो और उन रूहों पर जो आप के आस्तानों में उतरी हैं

 

01:06.00]

عَلَيْكُمْ مِنّٖي جَمِيْعًا سَلاَمُ اللّٰهِ أَبَدًا

अलैकुम मिन्नी जमीअन सलामु अल्लाही अबदन

आप सब पर मेरी तरफ़ से ख़ुदा का सलाम हमेशा

 

[01:12.00]

مَا بَقِيْتُ وَ بَقِيَ اللَّيْلُ وَ النَّهَارُ

मा बक़ीतु व बक़िया अल्लायलु वन्नहारु

जब तक मैं बाक़ी हूँ और रात दिन बाक़ी हैं

 

[01:18.00]

يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللّٰهِ لَقَدْ عَظُمَتِ الرَّزِيَّةُ

या अबा अब्दुल्लाही लक़द अज़ुमत अर-रज़िय्यतु

ऐ अबा अब्दिल्लाह आप का सोग बोहत भारी और बोहत बड़ा है

 

[01:24.00]

وَ جَلَّتْ وَ عَظُمَتِ الْمُصِيْبَةُ بِكَ عَلَيْنَا

व जल्लत व अज़ुमत अल-मुसीबतु बिका अलैना

और आप की मुसीबत बोहत बड़ी है

 

[01:28.00]

وَ عَلٰى جَمِيْعِ اَهْلِ الْاِسْلَامِ

व अला जमी'इ अहली अल-इस्लामि

हमारे लिए और तमाम अहल-ए-इस्लाम के लिए

 

[01:32.00]

وَ جَلَّتْ وَ عَظُمَتْ مُصِيْبَتُكَ فِيْ السَّمٰوَاتِ عَلٰى جَمِيْعِ اَهْلِ السَّمٰوَاتِ

व जल्लत व अज़ुमत मुसीबतुका फ़ी अस-समावाति अला जमी'इ अहली अस-समावाति

और बोहत बड़ी और भारी है आप की मुसीबत आसमानों में तमाम आसमान वालों के लिए

 

[01:40.00]

فَلَعَنَ اللهُ اُمَّةً اَسَّسَتْ اَسَاسَ الظُّلْمِ وَ الْجَوْرِ عَلَيْكُمْ اَهْلَ الْبَيْتِ

फ़-ल-अना अल्लाहु उम्मतन अस्ससत असासा अज़्-ज़ुल्मि वल-जवरि अलैकुम अहलल-बैति

पस ख़ुदा की लानत हो उस गिरोह पर जिसने आप पर ज़ुल्म-ओ-सितम करने की बुनियाद डाली ऐ अहल-ए-बैत

 

[01:50.00]

وَلَعَنَ اللهُ اُمَّةً دَفَعَتْكُمْ عَنْ مَقَامِكُمْ

व ल-अना अल्लाहु उम्मतन दफ़ाअत्कुम अन मक़ामिकुम

और ख़ुदा की लानत हो उस गिरोह पर जिसने आप को आप के मक़ाम से हटाया

 

[01:58.00]

وَ اَزَالَتْكُمْ عَنْ مَرَاتِبِكُمُ الَّتِيْ رَتَّبَكُمُ اللهُ فِيْهَا

व अज़ालत्कुम अन मरातिबिकुम अल्लाती रत्तबकुम अल्लाहु फ़ीहा

और आप को उस मरतबे से गिराया जो ख़ुदा ने आप को दिया

 

[02:03.00]

وَ لَعَنَ اللهُ اُمَّةً قَتَلَتْكُمْ

व ल-अना अल्लाहु उम्मतन क़तलत्कुम

ख़ुदा की लानत हो उस गिरोह पर जिसने आप को क़त्ल किया

 

[02:09.00]

وَ لَعَنَ اللهُ الْمُمَهِّدِيْنَ لَهُمْ بِا لتَّمْكِيْنِ مِنْ قِتَالِكُمْ

व ल-अना अल्लाहु अल-मुमह्हिदीना लहुम बित-तमकीनी मिन क़ितालिकुम

और ख़ुदा की लानत हो उन पर जिन्होंने उनको आप के साथ जंग करने की क़ुव्वत फ़राहम की

 

[02:17.00]

بَرِئْتُ اِلَى اللهُ وَ اِلَيْكُمْ مِنْهُمْ وَ مِنْ اَشْيَاعِهِمْ وَ اَتْبَاعِهِمْ وَ اَوْلِيَاۤئِهِمْ

बरी'तु इला अल्लाही व इलैकुम मिन्हुम व मिन अश्या'इहिम व अत्बा'इहिम व औलिया'इहिम

मैं बरी हूँ ख़ुदा के सामने और आप के सामने उनसे, उनके मददगारों, उनके पैरोकारों और उनके साथियों से

 

[02:29.00]

يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللهُ اِنِّيْ سِلْمٌ لِمَنْ سَالَمَكُمْ

या अबा अब्दुल्लाही इन्नी सिल्मुन लिमन सालमकुम

ऐ अबा अब्दिल्लाह मेरी सुल्ह है आप से सुल्ह करने वाले से

 

[02:36.00]

وَ حَرْبٌ لِمَنْ حَارَبَكُمْ اِلٰى يَوْمِ الْقِيٰمَةِ

व हरबुन लिमन हारबकुम इला यौमी अल-क़ियामति

और मेरी जंग है आप से जंग करने वाले से रोज़-ए-क़यामत तक

 

[02:42.00]

وَ لَعَنَ اللهُ اٰلَ زِيَادٍ وَ اٰلَ مَرْوَانَ

व ल-अना अल्लाहु आला ज़ियादिन व आला मरवाना

और ख़ुदा लानत करे औलाद-ए-ज़ियाद और औलाद-ए-मरवान पर

 

[02:48.00]

وَلَعَنَ اللهُ بَنِيۤ اُمَيَّةَ قَاطِبَةً

व ल-अना अल्लाहु बनी उमय्यता क़ातिबतन

ख़ुदा इज़हार-ए-बेज़ारी करे तमाम बनी उमय्या से

 

[02:53.00]

وَ لَعَنَ اللهُ بْنَ مَرْجَانَةَ وَ لَعَنَ اللهُ عُمَرَبْنَ سَعْدٍ

व ल-अना अल्लाहु इबना मरजानता व ल-अना अल्लाहु उमरा बना स'दिन

ख़ुदा लानत करे इब्ने मरजाना पर खुदा लानत करे उमर बिन साद पर

 

[02:57.00]

وَ لَعَنَ اللهُ شِمْرًا

व ल-अना अल्लाहु शिमरन

ख़ुदा लानत करे शिम्र पर

 

[03:01.00]

وَلَعَنَ اللهُ اُمَّةً اَسْرَجَتْ وَاَلْجَمَتْ وَ تَنَقَّبَتْ لِقِتَالِكَ

व ल-अना अल्लाहु उम्मतन असरजत व अलजमत व तनक़्क़बत लि-क़ितालिका

और ख़ुदा लानत करे जिन्होंने ज़ीन कसा, लगाम दी घोड़ों को और लोगों को आप से लड़ने के लिए उभारा

 

[03:05.00]

بِاَبِيۤ اَنْتَ وَ اُمِّيْ لَقَدْ عَظُمَ مُصَابِيْ بِكَ

बि'अबी अंता व उम्मी लक़द अज़ुमा मुसाबी बिका

मेरे माँ बाप आप पर क़ुर्बान हैं यक़ीनन आप की ख़ातिर मेरा ग़म बढ़ गया है

 

[03:16.00]

فَاَسْئَلُ اللهَ الَّذِيۤ اَكْرَمَ مَقَامَكَ

फ़-अस'अलु अल्लाहा अल्लाज़ी अकरमा मक़ामका

पस सवाल करता हूँ ख़ुदा से जिसने आप को शान अता की

 

[03:26.00]

وَ اَكْرَمَنِيْ بِكَ اَنْ يَّرْزُقَنِيْ طَلَبَ ثَارِكَ

व अकरमनी बिका अन यरज़ुक़नी तलबा सारिका

और आप के ज़रिए मुझे इज़्ज़त दी यह के वो मुझे आप के ख़ून का बदला लेने का मौक़ा दे

 

[03:31.00]

مَعَ اِمَامٍ مَنْصُوْرٍ مِنْ اَهْلِ بَيْتِ مُحَمَّدٍ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَ اٰلِهِ

म'आ इमामिम मंसूरिन मिन अहली बैति मुहम्मदिन सल्ला अल्लाहु अलैहि व आलिहि

उन इमाम मंसूर के साथ जो अहल-ए-बैत मुहम्मद में से होंगे

 

[03:39.00]

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْنِيْ عِنْدَكَ وَجِيْهًا بِالْحُسَيْنِ عَلَيْهِ السَّلَامُ فِيْ الدُّنْيَا وَ الْاٰخِرَةِ

अल्लाहुम्मा इज'अलनी इन्दका वजीहन बिल-हुसैनी अलैहि अस-सलामु फ़ी अद्-दुनिया वल-आख़िरति

ऐ माबूद! मुझ को अपने हाँ आबरूमंद बना हुसैन के वसीले से दुनिया ओ आख़िरत में

 

[03:44.00]

يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللّٰهِ اِنِّيۤ اَتَقَرَّبُ اِلَى اللهُ وَ اِلٰى رَسُوْلِهِ

या अबा अब्दुल्लाही इन्नी अतक़र्रबु इला अल्लाही व इला रसूलीही

ऐ अबा अब्दिल्लाह बेशक मैं क़ुर्ब चाहता हूँ ख़ुदा का, उसके रसूल का

 

[03:54.00]

وَ اِلٰىۤ اَمِيْرِ الْمُؤْمِنِيْنَ وَ اِلٰى فَاطِمَةَ وَاِلَى الْحَسَنِ

व इला अमीरी अल-मु'मिनीना व इला फ़ातिमाता व इला अल-हसनि

अमीरुल मोमिनीन का, फ़ातिमा ज़ेहरा का, हसन मुज्तबा का

 

[04:03.00]

وَ اِلَيْكَ بِمُوَالَاتِكَ

व इलैका बिमुवालातिका

और आप का क़ुर्ब आप की हुबदारी से

 

[04:10.00]

وَ بِالْبَرَاۤئَةِ مِمَّنْ قَاتَلَكَ

व बिल-बरा'अति (मिम्मन क़ातलका)

और उससे बेज़ारी के ज़रिए जिसने आप को क़त्ल किया

 

[04:13.00]

وَ نَصَبَ لَكَ الْحَرْبَ

व नसबा लका अल-हरबा

और आतिश-ए-जंग भड़काई

 

[04:19.00]

وَ بِالْبَرَاۤئَةِ مِمَّنْ اَسَّسَ اَسَاسَ الظُّلْمِ وَالْجَوْرِ عَلَيْكُمْ

व बिल-बरा'अति मिम्मन अस्ससा असासा अज़्-ज़ुल्मि वल-जवरि अलैकुम

और उससे बेज़ारी के ज़रिए जिसने आप पर ज़ुल्म-ओ-सितम की बुनियाद रखी

 

[04:20.00]

وَ اَبْرَءُ اِلَى اللّٰهِ وَ اِلٰى رَسُوْلِهِ مِمَّنْ اَسَّسَ اَسَاسَ ذٰلِكَ وَ بَنٰى عَلَيْهِ بُنْيَانَهُ

व अब-र'उ इला अल्लाही व इला रसूलीही मिम्मन अस्ससा असासा ज़ालिका व बना अलैहि बुन्यानहु

और मैं बरी-उज़-ज़िम्मा हूँ अल्लाह और उसके रसूल के सामने उससे जिसने ऐसी बुनियाद क़ायम की और उस पर इमारत उठायी

 

[04:27.00]

وَ جَرٰى فِيْ ظُلْمِهِ وَجَوْرِهِ عَلَيْكُمْ وَ عَلٰىۤ اَشْيَاعِكُمْ

व जरा फ़ी ज़ुल्मिही व जवरिही अलैकुम व अला अश्या'इकुम

और फिर ज़ुल्म-ओ-सितम करना शुरू किया आप पर और आप के पैरोकारों पर

 

[04:40.00]

بَرِئْتُ اِلَى اللهُ وَ اِلَيْكُمْ مِنْهُمْ

बरी'तु इला अल्लाही व इलैकुम मिन्हुम

मैं बेज़ारी ज़ाहिर करता हूँ ख़ुदा और आप के सामने उन ज़ालिमों से

 

[04:47.00]

وَ اَتَقَرَّبُ اِلَى اللهُ ثُمَّ اِلَيْكُمْ بِمُوَالَاتِكُمْ

व अतक़र्रबु इला अल्लाही सुम्मा इलैकुम बिमुवालातिकुम

और क़ुर्ब चाहता हूँ ख़ुदा का, फिर आप का आप से मोहब्बत की वजह से

 

[04:53.00]

وَ مُوَالَاةِ وَلِيِّكُمْ وَ بِالْبَرَاۤئَةِ مِنْ اَعْدَاۤئِكُمْ

व मुवालाति वलिय्यकुम व बिल-बरा'अति मिन अ'दा'इकुम

और आप के वलियों से मोहब्बत के ज़रिए, आप के दुश्मनों से बेज़ारी के ज़रिए

 

[05:01.00]

وَ النَّاصِبِيْنَ لَكُمُ الْحَرْبَ

वन-नासिबीना लकुम अल-हरबा

और आप के ख़िलाफ़ जंग बरपा करने वालों से बेज़ारी के ज़रिए

 

[05:10.00]

وَبِالْبَرَاۤئَةِ مِنْ اَشْيَاعِهِمْ وَ اَتْبَاعِهِمْ

व बिल-बरा'अति मिन अश्या'इहिम व अत्बा'इहिम

और उनके तरफ़दारों और पैरोकारों से बेज़ारी के ज़रिए

 

[05:16.00

اِنِّيْ سِلْمٌ لِمَنْ سَالَمَكُمْ وَ حَرْبٌ لِمَنْ حَارَبَكُمْ

इन्नी सिल्मुन लिमन सालमकुम व हरबुन लिमन हारबकुम

मेरी सुल्ह है आप से सुल्ह करने वाले से और मेरी जंग है आप से जंग करने वाले से

 

[05:21.00]

وَوَلِيٌّ لِمَنْ وَالَاكُمْ وَ عَدُ وٌّ لِمَنْ عَادَاكُمْ

व वलिय्युन लिमन वालाकुम व अदुव्वुन लिमन अदाकुम

मैं आप के दोस्त का दोस्त और आप के दुश्मन का दुश्मन हूँ

 

[05:30.00]

فَاَسْئَلُ اللهَ الَّذِىۤ اَكْرَمَنِيْ بِمَعْرِفَتِكُمْ وَ مَعْرِفَةِ اَوْلِيَاۤئِكُمْ

फ़-अस'अलु अल्लाहा अल्लाज़ी अकरमनी बि-म'रिफ़तिकुम व म'रिफ़ति औलिया'इकुम

पस सवाल करता हूँ ख़ुदा से जिसने इज़्ज़त दी मुझे आप की पहचान और आप के वलियों की पहचान के ज़रिए

 

[05:35.00]

وَ رَزَقَنِىَ الْبَرَاۤئَةَ مِنْ اَعْدَاۤئِكُمْ

व रज़क़नी अल-बरा'अता मिन अ'दा'इकुम

और मुझे आप के दुश्मनों से बेज़ारी की तौफ़ीक़ दी

 

[05:45.00]

اَنْ يَجْعَلَنِيْ مَعَكُمْ فِيْ الدُّنْيَا وَ الْاٰخِرَةِ

अन यज'अलनी म'अकुम फ़ी अद्-दुनिया वल-आख़िरति

यह कि मुझे आप के साथ रखे दुनिया और आख़िरत में

 

[05:50.00]

وَ اَنْ يُّثَبِّتَ لِيْ عِنْدَ كُمْ قَدَمَ صِدْقٍ فِيْ الدُّنْيَا وَ الْاٰخِرَةِ

व अन युसब्बित ली इन्दकुम क़दमा सिदक़िन फ़ी अद्-दुनिया वल-आख़िरति

और यह कि मुझे आप के हुज़ूर सच्चाई के साथ साबित क़दम रखे दुनिया और आख़िरत में

 

[05:55.00]

وَ اَسْئَلُهُ اَنْ يُّبَلِّغَنِيَ الْمَقَامَ الْمَحْمُوْدَ لَكُمْ عِنْدَ اللّٰهِ

व अस'अलुहु अन युबल्लिग़नी अल-मक़ामा अल-महमूदा लकुम इंदा अल्लाही

और उससे सवाल करता है कि मुझे भी ख़ुदा के हाँ आप के पसंदीदा मक़ाम पर पहुंचाए

 

[06:02.00]

وَ اَنْ يَّرْزُقَنِيْ طَلَبَ ثَارِيْ كُمْ مَعَ اِمَامٍ هُدًى ظَاهِرٍ نَاطِقٍ بِالْحَقِّ مِنْكُمْ

व अन यरज़ुक़नी तलबा सारिकुम म'आ इमामि हुदन ज़ाहिरिन नातिक़िन बिल-हक़्क़ि मिन्कुम

नेज़ मुझे नसीब करे आप के ख़ून का बदला लेना उस इमाम के साथ जो हिदायत देने वाला, मददगार, रहबर, हक़ बात ज़बान पर लाने वाला है तुम में से

 

[06:12.00]

وَ اَسْئَلُ اللهَ بِحَقِّكُمْ وَ بِالشَّاْنِ الَّذِىْ لَكُمْ عِنْدَهٗ

व अस'अलु अल्लाहा बि-हक़्क़िकुम व बिश्-शा'नी अल्लाज़ी लकुम इन्दहू

और सवाल करता हूँ ख़ुदा से आप के हक़ के वसीले से और आप की शान के वसीले से जो आप उसके हाँ रखते हैं

 

[06:28.00]

اَنْ يُّعْطِيَنِيْ بِمُصَابِيْ بِكُمْ اَفْضَلَ مَا يُعْطِيْ مُصَابًا بِمُصِيْبَتِهٖ مُصِيْبَةً مَاۤ اَعْظَمَهَا

अन यु'तियनी बि-मुसाबी बिकुम अफ़्दला मा यु'ती मुसाबन बि-मुसीबतिही मुसीबतन मा अ'ज़महा

यह कि वो मुझ को अता करे आप की सोगवारी पर ऐसा बेहतरीन अज्र जो उसने आप के किसी सोगवार को दिया हो

 

[06:38.00]

وَ اَعْظَمَ رَزِيَّتَهَا فِيْ الْاِسْلَامِ

व अ'ज़मा रज़िय्यताहा फ़ी अल-इस्लामि

उस मुसीबत पर कि जो बहत बड़ी मुसीबत है और उसका रंज-ओ-ग़म बहत ज़्यादा है इस्लाम में

 

[06:48.00]

وَ فِيْ جَمِيْعِ السَّمٰوَاتِ وَ الْاَرْضِ

व फ़ी जमी'इ अस-समावाति वल-अर्दि

और तमाम आसमानों में और ज़मीन में

 

[06:56.00]

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْنِيْ فِىْ مَقَامِيْ هٰذَا

अल्लाहुम्मा इज'अलनी फ़ी मक़ामी हाज़ा

ऐ माबूद क़रार दे मुझे इस जगह पर

 

[07:00.00]

مِمَّنْ تَنَالُهُ مِنْكَ صَلَوَاتٌ وَ رَحْمَةٌ وَ مَغْفِرَةٌ

मिम्मन तनालुहू मिन्का सलवातुन व रहमतुन व मग़्फ़िरतुन

उन अफ़राद में से जिनको नसीब हों तेरा दुरूद तेरी रहमत और बख़्शिश

 

[07:04.00]

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْ مَحْيَاىَ مَحْيَا مُحَمَّدٍ وَّ اٰلِ مُحَمَّدٍ

अल्लाहुम्मा इज'अल मह्याया मह्या मुहम्मदिन ववा आले मुहम्मदिन

ऐ माबूद क़रार दे मेरा जीना मुहम्मद-ओ-आले मुहम्मद का सा जीना

 

[07:10.00]

وَ مَمَاتِيْ مَمَاتَ مُحَمَّدٍ وَّ اٰلِ مُحَمَّدٍ

व ममाती ममाता मुहम्मदिन ववा आले मुहम्मदिन

और मेरी मौत को मुहम्मद-ओ-आले-मुहम्मद की मौत की मानिंद बना

 

[07:17.00]

اَللّٰهُمَّ اِنَّ هٰذَا يَوْمٌ تَبَرَّكَتْ بِهٖ بَنُوْ اُمَيَّةَ

अल्लाहुम्मा इन्ना हाज़ा यौमुन तबर्रकत बिही बनू उमय्यता

ऐ माबूद बेशक यह वो दिन है कि जिसको बनी उमय्या और कलेजा खाने वाली के बेटे ने बाबरकत जाना

 

[07:23.00]

وَابْنُ اٰكِلَةِ الْاَكْبَادِ اللَّعِيْنُ ابْنُ اللَّعِيْنِ

वबनु आकिलति अल-अकबादि अल्-ल'ईनु इबनु अल्-ल'ईनि

जो मलऊन इब्ने मलऊन है

 

[07:34.00]

عَلٰى لِسَانِكَ وَ لِسَانِ نَبِيِّكَ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَاٰلِهٖ

अला लिसानिका व लिसानी नबिय्यिका सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि

तेरी ज़बान पर और तेरे नबी अकरम की ज़बान पर

 

[07:41.00]

فِيْ كُلِّ مَوْطِنٍ وَ مَوْقِفٍ وَ قَفَ فِيْهِ نَبِيُّكَ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَ اٰلِهٖ

फ़ी कुल्ली मवतिनिन व मवक़िफ़िन वक़फ़ा फ़ीहि नबिय्युका सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि

हर शहर में जहाँ रहे और हर जगह के जहाँ तेरा नबी अकरम ठहरे

 

[07:45.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْ اَبَا سُفْيَانَ وَ مُعَاوِيَةَ

अल्लाहुम्मा इल'अन अबा सुफ़्याना व मु'आवियता

ऐ माबूद इज़हार-ए-बेज़ारी कर अबू सुफ़यान और मुआविया से

 

[07:52.00]

وَ يَزِيْدَ بْنَ مُعَاوِيَةَ عَلَيْهِمْ مِنْكَ اللَّعْنَةُ اَبَدَ الْاٰبِدِيْنَ

व यज़ीदा बना मु'आवियता अलैहिम मिन्का अल्-ल'नतु अबद अल-आबिदीना

और यज़ीद बिन मुआविया पर, उन पर तेरी तरफ़ से लानत हो हमेशा हमेशा

 

[07:58.00]

وَ هٰذَا يَوْمٌ فَرِحَتْ بِهٖ اٰلُ زِيَادٍ وَ اٰلُ مَرْوَانَ

व हाज़ा यौमुन फ़रिहत बिही आलू ज़ियादिन व आलू मरवाना

और यह वो दिन है जिसमें ख़ुश हुई औलाद-ए-ज़ियाद और औलाद-ए-मरवान

 

[08:06.00]

بِقَتْلِهِمُ الْحُسَيْنَ

बिक़त्लिहिम अल-हुसैना

कि उन्होंने क़त्ल किया हुसैन

 

[08:12.00]

صَلَوٰاتُ اللّٰهِ عَلَيْهِ

सलवातु अल्लाही अलैहि

सलवातुल्लाह अलैह को

 

[08:17.00]

اَللّٰهُمَّ فَضَاعِفْ عَلَيْهِمُ الَّعْنَ مِنْكَ وَ الْعَذَابَ الْاَلِيْمَ

अल्लाहुम्मा फ़-दा'इफ़ अलैहिम अल्-ल'ना मिन्का वल-अज़ाबा (अल-अलीमा)

ऐ माबूद पस तू ज़्यादा कर दे उन पर अपनी तरफ़ से लानत और अज़ाब-ए-अलीम को

 

[08:26.00]

اَللّٰهُمَّ اِنِّيۤ اَتَقَرَّبُ اِلَيْكَ فِيْ هٰذَا الْيَوْمِ

अल्लाहुम्मा इन्नी अतक़र्रबु इलैका फ़ी हाज़ा अल-यवमि

ऐ माबूद बेशक मैं तेरा क़ुर्ब चाहता हूँ कि आज के दिन में

 

[08:33.00]

وَ فِيْ مَوْقِفِيْ هٰذَا وَ اَيَّامِ حَيٰوتِيْ

व फ़ी मवक़िफी हाज़ा व अय्यामि हयाती

और इस जगह पर जहाँ खड़ा हूँ और अपनी ज़िन्दगी के दिनों में

 

[08:38.00]

بِالْبَرَاۤئَةِ مِنْهُمْ وَ اللَّعْنَةِ عَلَيْهِمْ

बिल-बरा'अति मिन्हुम वल-ल'नति अलैहिम

उनसे बेज़ारी करने के ज़रिए और उन पर नफ़रीन भेजने के ज़रिए

 

[08:44.00]

وَ بِاالْمُوَالَاتِ لِنَبِيِّكَ وَ اٰلِ نَبِيِّكَ عَلَيْهِ وَ عَلَيْهِمُ السَّلَامُ

व बिल-मुवालाति लि-नबिय्यिका व आले नबिय्यिका अलैहि व अलैहिम अस-सलामु

और वसीला उस दोस्ती के जो मुझे तेरे नबी की आल से है

 

[08:56.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْ اَوَّلَ ظَالِمٍ ظَلَمَ حَقَّ مُحَمَّدٍ وَ اٰلِ مُحَمَّدٍ

अल्लाहुम्मा इल'अन अव्वला ज़ालिमिन ज़लमा हक़्क़ा मुहम्मदिन व आले मुहम्मदिन

ऐ माबूद महरूम कर अपनी रहमत से उस पहले ज़ालिम को जिसने ज़ाया किया मुहम्मद-ओ-आल-ए-मुहम्मद का हक़

नीचे दिए जुमलों को 100 बार पढ़ें

[09:08.00]

وَ اٰخِرَ تَابِعٍ لَهٗ عَلٰى ذٰلِكَ

व आख़िरा ताबि'इन लहू अला ज़ालिका

और उसको भी जिसने आख़िर में उसकी पैरवी की

 

[09:12.00

اَللّٰهُمَّ الْعَنِ الْعِصَابَةَ الَّتِيْ جَاهَدَتِ الْحُسَيْنَ

अल्लाहुम्मा इल'अनिल-इसाबता अल्लाती जाहदत अल-हुसैना

ऐ माबूद लानत कर उस जमात पर जिन्होंने जंग की हुसैन से

 

[09:21.00]

وَ شَايَعَتْ وَ بَايَعَتْ وَ تَابَعَتْ عَلٰى قَتْلِهٖ

व शाय'अत व बाय'अत व ताब'अत अला क़त्लिही

नेज़ उन पर भी जो क़त्ल-ए-हुसैन में उनके शरीक और हम राये थे

 

[09:27.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْهُمْ جَمِيْعًا

अल्लाहुम्मा इल'अन्हुम जमी'अन

ऐ माबूद उन सब पर लानत भेज

 

[09:35.00]

اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَاۤ اَبَا عَبْدِ اللّٰهِ

अस-सलामु अलैका या अबा अब्दुल्लाही

सलाम हो आप पर ऐ अबा अब्दिल्लाह

नीचे दिए जुमलों को 100 बार पढ़ें

[09:39.00]

وَ عَلَى الْاَرْوَاحِ الَّتِيْ حَلَّتْ بِفِنَاۤئِكَ

व अलल-अरवाहि अल्लाती हल्लत बिफ़िना'इका

और सलाम उन रूहों पर जो आप के रोज़े पर आती हैं

 

[09:44.00]

عَلَيْكَ مِنِّيْ سَلَامُ اللهُ اَبَدًا

अलैका मिन्नी सलामु अल्लाही अबदन

आप पर मेरी तरफ़ से ख़ुदा का सलाम हो हमेशा

 

[09:49.00]

مَّا بَقِيْتُ وَ بَقِيَ اللَّيْلُ وَ النَّهَارُ

म्मा बक़ीतु व बक़िया अल्लायलु वन्नहारु

जब तक ज़िंदा हूँ और जब तक रात दिन बाक़ी हैं

 

[09:54.00]

وَ لَا جَعَلَهُ اللهُ اٰخِرَ الْعَهْدِ مِنِّيْ لِزِيَارَتِكُمْ

व ला ज'अलहु अल्लाहु आख़िरा अल-अहदी मिन्नी लि-ज़ियारतिकुम

और ख़ुदा क़रार ना दे इसको मेरे लिए आप की ज़ियारत का आख़िरी मौक़ा

 

[10:02.00]

اَلسَّلَامُ عَلَى الْحُسَيْنِ وَ عَلٰى عَلِيِّ بْنِ الْحُسَيْنِ

अस-सलामु अलल-हुसैनी व अला अलिय्यि इब्निल-हुसैनी

सलाम हो हुसैन पर और शहज़ादा अली फ़रज़ंद-ए-हुसैन पर

 

[10:11.00]

وَ عَلٰى اَوْلَادِ الْحُسَيْنِ وَ عَلٰى اَصْحَابِ الْحُسَيْنِ

व अला अवलादी अल-हुसैनी व अला असहाबी अल-हुसैनी

सलाम हो हुसैन की औलाद और हुसैन के असहाब पर

 

[10:19.00]

p>اَللّٰهُمَّ خُصَّ اَنْتَ اَوَّلَ ظَالِمٍ بِاللَّعْنِ مِنِّيْ وَابْدَاْ بِهٖ اَوَّلًا

अल्लाहुम्मा ख़ुस्सा अंता अव्वला ज़ालिमिन बिल-ल'नी मिन्नी वब-दा' बिही अव्वलन

ऐ माबूद! तू मुख़स्सस फ़रमा पहले ज़ालिम को मेरी तरफ़ से लानत के साथ

फिर इस दुआ को पढ़ें:

[10:27.00]

ثُمَّ الثَّانِيْ وَ الثَّالِثَ وَ الرَّابِعَ

सुम्मा इल'अन अज़्-सानिया वज़्-सालि-स वल-र्राबि'अ

तो अब उसी लानत का आग़ाज़ फ़रमा, फिर लानत भेज दूसरे और तीसरे और फिर चौथे पर लानत भेज

 

[10:37.00]

اَللّٰهُمَّ الْعَنْ يَزِيْدَ خَامِسًا

अल्लाहुम्मा इल'अन यज़ीदा ख़ामिसन

ऐ माबूद! लानत कर यज़ीद पर जो पाँचवाँ है

 

[10:44.00]

وَ الْعَنْ عُبَيْدَ اللّٰهِ بْنَ زِيَادٍ وَابْنَ مَرْجَانَةَ

वल'अन उबैदल्लाही बना ज़ियादिन वबना मरजानता

और लानत कर उबैदुल्लाह फ़रज़ंद-ए-ज़ियाद पर और फ़रज़ंद-ए-मरजाना पर

 

[10:52.00]

وَ عُمَرَبْنَ سَعْدٍ وَ شِمْرًا وَ اٰلَ اَبِيْ سُفْيَانَ

व उमरा बना स'दिन व शिमरन व आला अबी सुफ़्याना

उमर फ़रज़ंद-ए-साद पर और शिम्र पर, और औलाद-ए-अबू सुफ़यान को

 

[10:59.00]

وَ اٰلَ زِيَادٍ وَ اٰلَ مَرْوَانَ اِلىٰ يَوْمِ الْقِيَامَةِ

व आला ज़ियादिन व आला मरवाना इला यौमी अल-क़ियामति

और औलाद-ए-ज़ियाद को और औलाद-ए-मरवान को रहमत से दूर कर क़यामत के दिन तक

 

[11:12.00]

اَللّٰهُمَّ لَكَ الْحَمْدُ حَمْدَ الشَّاكِرِيْنَ لَكَ عَلٰى مُصَابِهِمْ

अल्लाहुम्मा लका अल-हम्दु हम्दा अश्-शाकिरीना लका अला मुसाबिहिम

ऐ माबूद! तेरे लिए है हम्द, वो हम्द जो अज़ादारी पर तेरा शुक्र बजा लाने वाले करते हैं

इस दुआ को सजदे में पढ़ें

[11:21.00]

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ عَلٰى عَظِيْمِ رَزِيَّتِىْ

अल-हम्दु लिल्लाही अला अज़ीमि रज़िय्यती

हम्द है ख़ुदा के लिए जिसने मुझे अज़ादारी नसीब की

 

[11:27.00]

اَللّٰهُمَّ ارْزُقْنِيْ شَفَاعَةَ الْحُسَيْنِ يَوْمَ الْوُرُوْدِ

अल्लाहुम्मा इरज़ुक़्नी शफ़ा'अता अल-हुसैनी यौमा अल-वुरूदि

ऐ माबूद हश्र में आने के दिन मुझे हुसैन की शफ़ाअत से बहरा मंद फ़रमा

 

[11:34.00]

وَ ثَبِّتْ لِيْ قَدَمَ صِدْقٍ عِنْدَكَ مَعَ الْحُسَيْنِ

व सब्बित ली क़दमा सिदक़िन इन्दका म'अल-हुसैनी

और मेरे क़दम को सीधा और पक्का बना जब मैं तेरे पास आऊँ हुसैन के साथ

 

[11:43.00]

وَ اَصْحَابِ الْحُسَيْنِ، الَّذِيْنَ بَذَلُوْا مُهَجَهُمْ دُوْنَ الْحُسَيْنِ عَلَيْهِ السَّلَامُ

व असहाबी अल-हुसैनी, अल्लाज़ीना बज़लू मुहजहुम दूना अल-हुसैनी

और असहाब-ए-हुसैन के साथ जिन्होंने हुसैन के लिए अपनी जानें क़ुर्बान कर दीं